बरेली: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद वीरपाल सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश यादव ने मायावती से समझौता नहीं समर्पण किया है. समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव तक हाफ और विधानसभा चुनाव तक साफ़ हो जाएगी. वीरपाल यादव ने नए साल के मौके पर बरेली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अखिलेश पर जमकर निशाना साधा.
सपा लोकसभा तक हाफ और विधानसभा तक साफ हो जाएगी
वीरपाल सिंह यादव ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने मायावती से समझौता नहीं समर्पण किया है. उन्होंने कहा की मायावती ने कभी समझौते की बात नहीं की अखिलेश ही समझौते की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने तो जब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी तभी ये बात कही थी की लोकसभा चुनाव तक सपा हाफ रह जाएगी और विधानसभा चुनाव तक साफ़ हो जाएगी.
इस वक्त नहीं बन सकता तीसरा दल
पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस वक्त तीसरा दल नहीं बन सकता. ये समय तीसरा दल बनाने का नहीं है. कोई भी दल ऐसा नहीं है जो 25-30 सीटों से ज्यादा ला सके. ऐसे में 25-30 सीटों से वाले दल का कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता. उन्होंने कहा की कांग्रेस और बीजेपी ही ऐसी पार्टी है जो सैकड़ा पार कर सकेगी.
मोदी को हटाने के लिए राहुल को स्वीकार करना होगा
वीरपाल सिंह यादव ने कहा की इस वक्त हालत ये हैं कि राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी में से एक पीएम बन सकता है, बाकी कोई पीएम नहीं बन सकता क्योंकि यही दोनों देश के बड़े दल हैं. ऐसे में सभी को कांग्रेस का साथ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मोदी को हटाने के लिए राहुल को स्वीकार करना ही होगा. उन्होंने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सामान विचार धारा वाले दलों से समझौता तो कर सकती है लेकिन अखिलेश यादव की तरह समर्पण नहीं कर सकती. उनका कहना है कि अगर हमसे कोई दल सकारात्मक बात करता है. हमें सही सीट मिलती है तो हम समझौते को तैयार हैं. वर्ना हमारी पार्टी पूरे प्रदेश में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.
अगर नेता जी होते राष्ट्रीय अध्यक्ष तो होते पीएम पद के दावेदार
वीरपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष होते तो वो प्रधानमंत्री पद के दावेदार होते. लेकिन अब वो तो समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं. उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा की जब कोई पेड़ लगाता है तो जरूरी नहीं उसकी छाव में उसे बैठने का मौका मिले. कई बार ऐसा होता है की ऐसे लोगों की खाट बाहर डाल दी जाती है.